Accha Lagta hai!




तुझे देखना, तुझ में खो जाना,

 तेरी बातों से बातें समझ जाना ,

तुझ में खो कर खुद को पा जाना,

 पास बुला कर गले लग जा ना,

 तुझे सांसो में अपनी उलझाना,

 तुझ में उलझ कर खुद सूलझ जाना ,

अच्छा लगता है |


कभी दूर तो कभी पास आ जाना,

 बिन बोले सब कुछ कह जाना,

 कभी नजरों को तेरी खुद पर पाना ,

कभी खुद नजरों से तुझे छू जाना,

 कभी हंसते हंसते बस चुल्ल हो जाना,

 और फिर एकदम से होटों को सहलाना,

 अच्छा लगता है|


 तेरे कांधे पर सर रख कर सो जाना,

 तेरे दांतो तले मिश्री बन जाना ,

यूं ही दिन रात आहट ओ में डूबते जाना,

 और फिर मुस्कुरा कर चैन से सो जाना ,

सोते-सोते गले लगाना,

और फिर एकदम नॉर्मल हो जाना ,

हां अच्छा लगता है|



Comments

  1. Sometimes we love with nothing more than hope. Cry with everything expect tears. In the end what matters is love and the duty; truth and sorrow. Will hold on tight till dawn.

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