तुझे देखना, तुझ में खो जाना,
तेरी बातों से बातें समझ जाना ,
तुझ में खो कर खुद को पा जाना,
पास बुला कर गले लग जा ना,
तुझे सांसो में अपनी उलझाना,
तुझ में उलझ कर खुद सूलझ जाना ,
अच्छा लगता है |
कभी दूर तो कभी पास आ जाना,
बिन बोले सब कुछ कह जाना,
कभी नजरों को तेरी खुद पर पाना ,
कभी खुद नजरों से तुझे छू जाना,
कभी हंसते हंसते बस चुल्ल हो जाना,
और फिर एकदम से होटों को सहलाना,
अच्छा लगता है|
तेरे कांधे पर सर रख कर सो जाना,
तेरे दांतो तले मिश्री बन जाना ,
यूं ही दिन रात आहट ओ में डूबते जाना,
और फिर मुस्कुरा कर चैन से सो जाना ,
सोते-सोते गले लगाना,
और फिर एकदम नॉर्मल हो जाना ,
हां अच्छा लगता है|
Sometimes we love with nothing more than hope. Cry with everything expect tears. In the end what matters is love and the duty; truth and sorrow. Will hold on tight till dawn.
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